भारत न्यूज़ 18 लाइव पर
पत्रकार -लक्ष्मीकांत सुरहा के साथ
○डॉ जयप्रकाश मिश्रा की एक रिपोर्ट , “प्रवासी भारतीय”
भारतीय मूल के लोग अपने हुनर और ज्ञान की बदौलत सारी दुनिया में एनआरआई के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं उनमें अधिकांश लोग खास तौर से युवाओं की शिक्षा दीक्षा भारत में हुई है शिक्षा ग्रहण के बाद दुनिया के देशों में अपनी सेवाएं देने तत्पर हुए हैं अभी मैं पढ़ रहा था कि भारतीय मूल के लोग प्रतिवर्ष 2 मार्च को अमेरिका में इंडिया गिविंग डे मनाएंगे और वहां के एनआरआई के 14 संगठन एकजुट होकर भारत को 24.7 हजार करोड़ भेजेंगे , भारत के विकास के लिए यह एक अच्छी पहल है ।हमारी विदेशी मुद्रा के भंडार बढ़ेंगे ।जिससे अंतरराष्ट्रीय भुगतान के लिए देश को सहायता मिलेगी ।
संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार 2019 में प्रवासी भारतीयों की संख्याएं 1.75 करोड़ है जो दुनिया में प्रथम स्थान पर है। द्वितीय स्थान पर मैक्स को 1.18 करोड़ ,एवं चीन तीसरे स्थान पर 1.07 करोड़ प्रवासी हैं। 9 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से महात्मा गांधी भारत लौटे थे। सबसे बड़ा प्रवासी महात्मा गांधी को माना जाता है प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत 2003 दिल्ली से हुई थी 2019 में प्रवासी भारतीय दिवस वाराणसी में आयोजित किया गया था।
आंकड़े बताते हैं कि दुनिया के लगभग 110 देश में आप प्रवासी भारतीय रहते हैं प्रवासी भारतीयों को आपस में एक नेटवर्किंग तैयार कर एक दूसरे से जुड़ने की सार्थक पहल भी करनी चाहिए। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी तो कहते हैं कि सभी प्रवासी भारतीय हमारे एंबेसडर हैं जब प्रधानमंत्री जी ने इन्हें राजदूत की संज्ञा प्रदान की है तब भारतीय प्रवासी की राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी और बढ़ जाती है वैसे तो कर्तव्य बोध प्रवासी भारतीयों में देश के सम्मान को आगे बढ़ने का है, जो अमेरिका में रह रहे एनआरआई भाइयों ने करके दिखाया है हमें याद होना चाहिए कि जिस मातृभूमि ने हमें पढ़ा लिखा कर इतना काबिल बनाया कि हम आज अपने ज्ञान के दम पर दुनिया के अन्य देशों में अपनी सेवाएं हर क्षेत्र में दे रहे हैं मातृभूमि के लिए समर्पित रहना है,। यहां की भाषा संस्कृति सभ्यता खान-पान, शिक्षा के कारण आज हम इस मुकाम पर हैं ।मातृभूमि का ऋण हमारे ऊपर है उसे ऋण को भी चुकाने का अवसर है ।विश्वास के 110 देश में रह रहे प्रवासी भारतीयों से हमारा आवाहन है की अमेरिका में रह रहे हमारे एनआरआई भाइयों ने भारत की आर्थिक मजबूती के लिए 24.7 हजार करोड़ इंडिया गिविंग डे मनाकर भेजने का निश्चय किया है ।इसी तरह एनआरआई जिस देश में प्रवासी है वहां संगठन बनाकर इंडिया के गिविंगडे मनाकर भारत सरकार का अमेरिका में रहे प्रवासियों की भांति सहयोग करें। आप जानते हैं कि भारत मात्र भूमि में आज भी अच्छी शिक्षा, अच्छा आवास, स्वच्छ पानी ,पर्याप्त ऊर्जा ,एवं संतुलित भोजन सभी भारतवासियों को उपलब्ध नहीं है। भारत सरकार तो सबका साथ सबका विकास के संकल्प को लेकर आगे बढ़ रही है यदि आपका आर्थिक सहयोग भारत में रहने वाले आपके भाइयों को मिल जाएगा। तब आपकी मातृभूमि को सोने की चिड़िया कहा जाता है, वह दिन आपके प्रयास से पुनः लौटेंगे ।
विश्व के कोने-कोने में रहने वाले हमारे प्रवासी जहां एक और हमारे वेद ,उपनिषद ,रामायण, गीता ,आदि धर्म ग्रंथो के माध्यम से हमारे ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ने का प्रयास करें, इसके लिए आप चाहे तो इंडिया टेकिंग दे भी इंडिया गिवेन डे की तरह जहां आप प्रवासी हैं उस देश में बना सकते हैं ।भारत में प्राचीन काल से ही ज्ञान बांटने और दान बांटने की सनातनी परंपरा है इस समय ज्ञान दान परंपरा को आगे ले जाते हुए प्रवासी भारतीय भाई भारत को दान के रूप में विदेशी मुद्रा भेजें ,साथ ही भारतीय ज्ञान परंपरा को हमारे धर्म ग्रंथो के माध्यम से दुनिया के विभिन्न देशों में अवगत करायें, प्रचार प्रसार करें, ।
चिंतन करें, कि भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है इसको पहले पायदान पर कैसे पहुंचना है यह दायित्व हम सब भारतीय वासियों का है चाहे देश में हो या देश के बाहर परम वैभवी भारत के लिए जो भारतीय प्रवासियों ने अमेरिका में संगठन बनाकर की है, इसी तरह संगठन विश्व के प्रत्येक देश में प्रवासी भारतीय बनाने के लिए संकल्पित हो ।
डॉ.जयप्रकाश मिश्रा
पूर्व कुलसचिव
बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी
छतरपुर मध्य प्रदेश
Recent Posts
Modi 3.0: अमित शाह ने फिर संभाला गृह मंत्रालय का प्रभार, चिराग बोले- खाद्य प्रसंस्करण में अपार संभावनाएं
June 11, 2024
No Comments
लोकसभा चुनाव 2024 में मध्यप्रदेश में भाजपा के सभी 29 सीटों के जीते हुए उमीदवार।
June 5, 2024
No Comments