मध्यम वर्ग और उनके सपने

मध्यम वर्ग और उनके सपने
भारत में मध्यम वर्ग की आबादी आजादी के बाद भी अपने सपनों को पूरा करने का सपना देख रही है ।।
मध्यम वर्ग देश का एक ऐसा वर्ग है जो ना गरीब वर्ग है ना अमीर वर्ग है ये बीच का वर्ग हे जो अपनी मजबूरी पीड़ा किसी को नहीं बता सकता।।
मध्यम वर्ग की आबादी
भारत में वर्तमान समय में मध्यम वर्ग आबादी 25 करोड़ के करीब है जो सब्जी मंडी से लेकर कैटरिंग तक और शासकीय महकमे से लेकर बाजार में खुली पंसारी की दुकान तक फैला हुआ है।।
मध्यम वर्ग दो तरह का होता है एक मध्यम आय वर्ग और दूसरा निम्न आय वर्ग।।
निम्न आय वर्ग में हम उन लोगों की चर्चा करते हैं जिनकी सालाना आय 3 लाख के करीब है लेकिन व्यय भी सालाना 3 लाख ही है बचत के नाम पर केवल सपने है और कुछ नहीं।।
मध्यम वर्ग मै भी एक उच्च वर्ग होता है जो सालाना 10 लाख आय स्त्रोत पर निर्भर करता है ।।
मध्यम वर्ग थोड़ा बहुत भविष्य के लिए बीमा, बचत, एफडी , प्लाट जिसे निवेश करने की हिम्मत जुटाता है।।
मध्यम वर्ग परिवार में घर के मुखिया का जीवन
मध्यम वर्ग परिवारों में एक दूसरे से बेहतर देखने की जबरदस्त तरीके से होड़ लगी रहती है। जिसका खामयाजा घर चलाने वाले मुखिया पर पड़ता है यदि बच्चों को पढ़ाना है तो निजी स्कूल में दाखिला करना नही तो पड़ोस रिश्तेदार सभी ताने देगे ऐसा सोचते है बिना ट्यूशन के बच्चों के कैरियर के बारे में विस्तृत जानकारी देने में शर्मिंदगी महसूस करना।।
बच्चों परिवार सहित वैवाहिक
कार्यक्रम मै जाना सदैव पड़ोसी और रिश्तेदारों के संपर्क में रहना ये मध्यम वर्ग संस्कृति है।
सब्जी वाले से हरी मिर्च हरी धनिया फ्री मांगना ।
1000 हजार मै 10 रुपए कम करवाना एक बार एसी कोच में सफर करने पर पूरी दुनिया में स्टेट्स लगाना थोड़ा अपने बच्चों ओर परिवार के बारे में बड़ा चडा कर बताना ये मध्यम वर्ग की संस्कृति होती है।।
मध्यम वर्ग महिलाओं का जीवन
मध्यम वर्ग महिला शक्ति सदैव बचत और परिवार के प्रति समर्पित होती है ये महिलाएं सब जानती है की मुझे अपने बच्चों ओर परिवार से बड़ा कुछ नहीं है।। इसी लिए वो सदैव समय पर बच्चों का स्कूल टिफिन पति के लिए खाना सास के लिए क्या आवश्यक है वो जरुरते ससुर जी की दवा और इलाज खान पान सभी का ध्यान रखती है।।
मेरे नजरिए से देखें तो मध्यम वर्ग महिला आज देवी शक्ति है क्योंकि वो आज के भौतिक सुख समृद्धि त्याग कर केवल परिवार के लिए ही सोचती है वो मंहगी साड़ी को मना कर देगी वो मंहगी लिपस्टिक और ज्वैलरी को मना कर देगी और तो ओर अगर हम उन से कभी स्पेशल दिन के लिए किसी बेहतर होटल रेस्टोरेंट में खाना खाने के लिए चलने को कहेंगे तो भी वो मना कर देगी और घर का खाना ही बेहतर सिद्ध कर देगी।।
मध्यम वर्ग मजबूरियों में ही केवल महंगी बच्चों की शादी कार्यक्रम आयोजित करने को मजबूर होता है वरना वो साधारण तरीके से भी कर सकता है।।
मध्यम वर्ग एक चार सीट कार को भी बड़ा मानता है मध्यम वर्ग सदैव प्रसन्न देखने की कोशिश का नाम है।।
मध्यम वर्ग के बच्चे
मध्यम वर्ग परिवारों में जन्मे बच्चों को भी सदैव सीमित आय संसाधनों मै रहने की आदत होती है बच्चे अपने माता पिता की मेहनत जबाबदारी सही ढंग से जानते है वो जानते है की मेरे माता पिता किस प्रकार हमे अच्छा जीवन देने मेहनत कर रहे हैं।।
उन्हे उनकी आय और खर्च की पूरी जानकारी रहती है
क्योंकि मध्यम वर्ग में जो मासिक राशि का व्यय होता है उन्ही के सामने होता है फिर कहे बिजली का बिल हो पानी का बिल हो न्यूज पेपर का बिल हो दूध वाले का बिल हो गैस सिलेंडर हो किराने का सामान हों घर में पढ़ाई लिखाई की फीस सामग्री हो सब्जी साग हो गाड़ी का बीमा पेट्रोल घर में लगने वाली दवाई मेडिकल खर्च हो घर के मेंटीनेंस हो बीमा लोन की ईएमआई हो आदि अनेक खर्च जिन्हे बच्चें बचपन से ही जानने लगते है
मध्यम वर्ग वो वर्ग है भारत का जिसके लिए सरकार की कोई योजना नहीं है क्यों कि ये वर्ग गरीब नही ओर सरकार से कोई रियायत नहीं क्यों कि ये वर्ग अमीर नहीं।।
धैर्य का नाम है मध्यम वर्ग है।।
हेमन्त आजाद
लेखक एक स्वतंत्र पत्रकार और स्तंभकार है
hemantazad48@gmail.com

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