UP: इस हाई प्रोफाइल सीट पर कायम है मतदान का रिकॉर्ड, 1984 में राजीव-मेनका थे आमने-सामने, पड़े थे सबसे अधिक वोट

UP: इस हाई प्रोफाइल सीट पर कायम है मतदान का रिकॉर्ड, 1984 में राजीव-मेनका थे आमने-सामने, पड़े थे सबसे अधिक वोट

यूपी की इस हाईप्रोफाइल सीट पर 1984 के मतदान का रिकॉर्ड कायम है। 1984 में राजीव गांधी और मेनका गांधी आमने-सामने थे। उस समय यहां सबसे ज्यादा 60.25 फीसदी वोट पड़े थे।

विस्तार

वर्ष 1967 में अस्तित्व में आई अमेठी लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा 60.25 फीसदी मतदान का रिकॉर्ड 1984 के चुनाव के नाम दर्ज है। उस चुनाव में कांग्रेस से राजीव गांधी का मुकाबला निर्दलीय मेनका गांधी के बीच था। हालांकि, इस चुनाव में राजीव गांधी ने जीत दर्ज की थी।

वहीं, पांचवीं लोकसभा चुनाव 1971 में महज 30 फीसदी मतदाताओं ने ही मतदान किया था। इस बार 2024 के चुनाव में 54.34 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। स्वतंत्र भारत के चौथे लोकसभा चुनाव 1967 में अमेठी लोकसभा सीट अस्तित्व में आई।

पहली बार इस सीट पर हुए चुनाव में कुल 188,666 मतदाताओं ने मतदान किया, जिसमें वोट प्रतिशत 37.34 रहा। चुनाव मैदान में आए कुल पांच प्रत्याशियों में से कांग्रेस के विद्याधर वाजपेयी और एबीजेएस के गोकुल प्रसाद पाठक के बीच मुकाबला हुआ। कांग्रेस के विद्याधर वाजपेयी ने 3665 मत से चुनाव जीता।

वर्ष 1971 के चुनाव में सबसे कम 30.05 प्रतिशत मतदाताओं ने ही वोट डाला। इस चुनाव में भी कांग्रेस के विद्याधर वाजपेयी ने बढ़त हासिल करते हुए 74977 मतों से चुनाव जीता था।

वर्ष 1977 के लोकसभा चुनाव में 302826 मतदाताओं ने मतदान किया। वोटिंग प्रतिशत 48.59 रहा। इस चुनाव में भारतीय लोकदल के रवींद्र प्रताप सिंह ने कांग्रेस के संजय गांधी को 75844 मतों से पराजित किया।
वर्ष 1980 के लोकसभा चुनाव में 50.10 प्रतिशत यानी 338531 मतदाताओं ने मतदान किया। इस चुनाव में कांग्रेस के संजय गांधी ने 128545 मतों के अंतर से जनता पार्टी के रवींद्र प्रताप सिंह को हराकर जीत दर्ज की।
संजय गांधी के निधन के बाद इस सीट पर 1981 में हुए उप चुनाव में 307523 मतदाताओं ने मतदान किया। कांग्रेस के राजीव गांधी ने एलकेडी के शरद यादव को 237696 मतों से पराजित किया।
वर्ष 1984 के लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा 60.25 प्रतिशत यानि 446289 मतदाताओं ने मतदान किया। यह अब तक का सबसे ज्यादा मतदान का रिकॉर्ड है।
वर्ष 1989 में वोटिंग प्रतिशत 46.78 रहा। कुल 425,746 मतदाताओं ने मतदान किया। इस चुनाव में कांग्रेस के राजीव गांधी ने जेडी के राजमोहन गांधी को 202138 मतों से पराजित किया।
1991 के लोकसभा चुनाव में 376202 मतदाताओं ने मतदान किया, वोटिंग प्रतिशत 40.97 रहा। कांग्रेस के राजीव गांधी ने बीजेपी उम्मीदवार रविंद्र प्रताप को 112085 मतों के अंतर से पराजित किया। चुनाव प्रचार के दौरान राजीव गांधी की हत्या होने के कारण हुए उपचुनाव में 332195 मतदाताओं ने मतदान किया। उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सतीश शर्मा ने बीजेपी प्रत्याशी एमएम सिंह को 99309 मतों के अंतर से शिकस्त दी।
वर्ष 1996 के लोकसभा चुनाव में 38.71 फीसदी यानि 426913 मतदाताओं ने मतदान किया। कांग्रेस के सतीश शर्मा ने बीजेपी के राजा मोहन सिंह को 40143 मतों के अंतर से जीत दर्ज की।
वर्ष 1998 के चुनाव में कुल 597556 मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। वोटिंग प्रतिशत 53.73 रहा। इस चुनाव में बीजेपी के संजय सिंह ने कांग्रेस के सतीश शर्मा को 23270 मतों के अंतर से हराया।

वर्ष 1999 में 57.46 प्रतिशत यानि 638178 मतदाताओं ने मतदान किया। इस चुनाव में कांग्रेस की सोनिया गांधी ने बीजेपी के प्रत्याशी रहे संजय सिंह को 300012 मतों के अंतर से पराजित किया।

वर्ष 2004 के चुनाव में 44.50 फीसदी यानि 589596 मतदाताओं ने मतदान किया। इस चुनाव में कांग्रेस के राहुल गांधी ने बीएसपी प्रत्याशी चंद्र प्रकाश मिश्र को 290853 मतों के अंतर पराजित किया।

2009 के लोकसभा चुनाव में 45.16 फीसदी यानि 646650 मतदाताओं ने मतदान किया। इस चुनाव में कांग्रेस के राहुल गांधी ने बीएसपी प्रत्याशी को 370198 मतों से पराजित किया।

वर्ष 2014 के चुनाव में कुल 52.39 प्रतिशत यानि 874872 मतदाताओं ने मतदान किया। इस चुनाव में कांग्रेस के राहुल गांधी ने बीजेपी प्रत्याशी को 107903 मतों से पराजित किया।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 942956 मतदाताओं ने मतदान किया। इसमें वोटिंग प्रतिशत 54.08 रहा। भाजपा प्रत्याशी स्मृति जूबिन इरानी ने कांग्रेस प्रत्याशी राहुल गांधी को 55120 मतों से पराजित किया।

वर्ष 2024 में कुल 54.34 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया। संसदीय क्षेत्र में कुल पुरुष मतदाता 942536 व महिला मतदाता 853748 और अन्य मतदाता की संख्या 84 थी। इनमें से 483188 पुरुष, 492861 महिला, 04 थर्ड जेंडर तथा कुल 976053 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। 51.26 प्रतिशत पुरुष व 57.75 प्रतिशत महिलाओं ने मताधिकार का प्रयोग किया।

कारणों की पड़ताल हो रही है
मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर काफी प्रयास किए गए। गत चुनावों में 50 फीसदी से कम मतदान वाले बूथों को चिन्हित कर बीएलओ के साथ ही अन्य कर्मियों के साथ प्रशासनिक अफसरों ने बैठके की। संभ्रांत लोगों के साथ बातचीत की। जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए गए लेकिन, मतदान प्रतिशत 2019 के मुकाबले मात्र कुछ ही प्रतिशत बढ़ सका। मतदान को लेकर एक नया रिकॉर्ड बनाने की कवायद साकार नहीं हो सकी। इसके कारणों को लेकर पड़ताल की जा रही है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ
आरआर पीजी कॉलेज के समाजशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. धनंजय सिंह का कहना है कि प्रतिशत कम होने के कई कारण है। पहला तो प्रतिकूल मौसम का होना, दूसरा जागरूकता का अभाव। तीसरा मतदाताओं में अरुचि के साथ ही जनता से जुड़े मुद्दों से इतर अन्य इश्यू पर दलों की सक्रियता।
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