सार्वजनिक क्षेत्रों की निजी बैंकों और उपक्रमों में ताना शाही से आम आदमी त्रस्त.. हेमन्त आजाद

सार्वजनिक क्षेत्रों की निजी बैंकों और उपक्रमों में ताना शाही से आम आदमी त्रस्त.. हेमन्त आजाद
आम आदमी की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें निरंतर अनेक जन कल्याणकारी निर्णय लेती है
लेकिन यह बात भी कही छुपी नहीं है किस प्रकार से अमला और सिस्टम सरकार के नीति निर्णय को पतीला लगा के आग लगा देते हैं।।
शासकीय कार्य के लिए सरकार ने जब से ऑन लाइन आवेदन सिस्टम बनाया है ।।
गरीब जनता केवल आधार कार्ड बैंक पासबुक और समग्र पोर्टल की ID अपनी पासपोर्ट फोटो के साथ लिए यहां वहा घूमता मिल जाएगा।।
पिछले कुछ सालों में तो हद हो गई।।
लोकसेवा गारंटी केंद्रों
कामन सर्विस सेंटर
बैंको के कियोस्क
एमपी ऑन लाइन की दुकानों पर रोज वैध तरीके से अवैध रूप में वसूली जारी है।।
जिसे कमीशन कम दलाली ज्यादा कह सकते हैं।।
अब तो सार्वजनिक वितरण प्रणाली में जब से ऑन लाइन राशन मित्र के माध्यम से राशन मिलने लगा है तब से पारदर्शता केवल ऑन लाइन है राशन कार्ड में क्या दिया जा रहा है वह समझ से ऊपर है।।
सरकारी स्कूलों में राशन भुगतान सब अपनी मर्जी पर दर्ज हो रहे हैं
बैंकों में किस खाते से कितना निकल जाए राशि खाते धारक को पूछना अपराध बन गया है ।। बैंक कर्मी अभद्रता करने लगते हैं।।
नगर निगम नगर पालिका परिषद मै किसी भी गरीब को कोई सुविधा मिलना कितना मुस्किल हैं वही जानता है।।
सभी जगह E KYC के नाम पर सभी पर्सनल निजी डेटा प्रविष्टि किया जा रहा है।।
बिना जनता की लोक सुनवाई के कभी भी सरकार कोन सा आदेश दे ये पता आम आदमी को लगता ही नहीं।।
31 मई तक घरेलू गैस उपभोक्ता को ekyc करने के आदेश दिया गया जिसकी अधिकांश जानकारी किसी को नहीं है।।
कब कार ड्रेको को फास्टैग अनिवार्य कर दिया मालूम नहीं बिना fasteg के दुगना टोल टैक्स ये क्या है।
आधार कार्ड से यदि पैन कार्ड लिंक नही और ekyc नही तो 1000हजार जुर्माना। ये क्या है
बिना घरेलू उपभोक्ता जन सुनवाई लोक सुनवाई के कचड़ा कलेक्शन शुल्क।
जब GST मे स्वक्षता सेस लिया जाता है वास्तु पर स्वक्षता कर लिए जा रहा है और तो और संपति कर के साथ स्वक्षता कर लिया जा रहा है तो किस आधार पर ये वेस्ट मैनेजमेंट कलेक्शन शुल्क लिया जा रहा है।।
भारतीय उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम अंतर्गत जब तक उपभोक्ता उक्त उत्पाद से संतोष्ट नही होता उसको भुगतान करने का दवाब नहीं कर सकता
क्या वेस्ट मैनेजमेंट कलेक्शन कंपनी ने जनता को अपनी सेवा के लिए प्रोत्साहित किया क्या कचड़ा कलेक्शन कंपनी ने उपभोगता को उक्त सेवा की जानकारी शुल्क गुणवत्ता मानक आदि से अवगत कराया
इसी प्रकार से भारतीय रेलवे द्वारा विभिन्न कंपनी को संचालित किया जा रहा है उनका भी कार्य संतोषजनक नही है।।
इसे अनेक उदाहरण है जिनको सार्वजनिक करना उचित नहीं है।।
बस केंद्र राज्य सरकार से निवेदन है ये सिस्टम की तानाशाही समाप्त किया जाए।।
हेमन्त आजाद
लेखक,,
स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार है
hemantazad48@gmail.com

 

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