नगर निगम के प्रति जनता में गुस्सा स्मार्ट सिटी के नाम पर मुसीबत कुछ फैसलों ने लोगों को बना दिया बेरोजगार पेड़ो की चढ़ा दी बली*।

नगर निगम के प्रति जनता में गुस्सा स्मार्ट सिटी के नाम पर मुसीबत
कुछ फैसलों ने लोगों को बना दिया बेरोजगार पेड़ो की चढ़ा दी बली*।

सागर स्मार्ट सिटी सागर के लोगो के जहन में उतर ही नही रहा लोग स्मार्ट सिटी के कार्यों से नाखुश है लेकिन अंदर ही अन्दर घुट रहे हैं इसके खिलाफ जाना इनके जमीर में है ही नही… सीवर प्रोजेक्ट हो या सड़को का चौड़ीकरण इनके काम करने के तरीके से लोग काफी परेशान हो चुके हैं निगम और स्मार्ट सिटी का गठबंधन अब लोगो के गले की फांस बन चुका है कॉरिडोर की सौगात शहर के लोगो ने ली लेकिन अब वह सिर्फ सेल्फी पॉइंट के रूप में तेजी से उभरता जा रहा है वही बात करे नगर निगम की तो ऐसा पहली बार हो रहा है कि, नगर निगम की कार्य प्रणाली से सागर नगर निगम क्षेत्र की जनता त्राहि त्राहि कर रही है किसी की जुबान पर पानी की त्राहि, किसी की जुबान पर चहुं ओर पैर पसारते दिखावटी विकास की त्राहि किसी की जुबान पर हाय गर्मी हाय गर्मी तो कोई विकास के नाम पर की जा रही पेड़ो की कटाई को लेके चीख रहा है कोई ठप जल आपूर्ति को कोस रहा है… कुछ तो शहर की बिजली व्यवस्था को कोस रहें हैं क्योंकी शहर के कई क्षेत्रों में बिजली सुबह से शाम तक नहीं रहती कुछ में बिजली रहती है तो पानी नहीं पहुंच पा रहा सड़क चौड़ीकरण के नाम सागर शहर की रौनक कहे जाने वाले वर्षो पुराने पेड़ शिफ्ट कर दिए गए कुछ के तो प्यार की निशानियों को नगर निगम ने पेड़ों समेत काट दिया या सिफ्ट कर दिया पुरानी डफरिन के सामने वर्षो पुराने कई गुना ऊंचे विशालकाय पेड़ों को सड़क चौड़ीकरण के नाम पर बलि चढ़ा दिया गया किसी पेड़ को काटने से सिर्फ पेड़ नहीं कटता कई पक्षियों के हौसले, उनके घोसलों के साथ काट दिए जाते हैं जो लोग तालाब किनारे बैठकर शांत मन से खुद में गुम होकर खुद को ही ढूंढा करते थे उनकी छांव भी निगम द्वारा छीन ली गई वहीं जोर-सोर से प्रचार प्रसार करवाया जा रहा है कि हमने जहां जरूरत थी वहां पेड़ काटे हैं वरना कई पेड़ों को हमने शिफ्ट किया है धन्य हो विकास देव कि, आपने पेड़ों को शिफ्ट कर दिया कहीं भविष्य में विकास के नाम पर गरीबों का आशियाना ना तोड़ दिया जाए आखिर भविष्य देखा ही किसने है पक्षियों के आशियाने तो मिलने से रहे साहब आप तो नए हैं नगर में आप अपने करीबियों से पूछिए पुराने सागर की फिजा सुनते ही आपको खुद पर तरस न आए तो कहना वैसे पुरानी डफरिन से गुजरते वक्त पक्षियों का चहकना हमे बहुत याद आता है हमने सुना है कि, कई महानगरों में विकास भी हुआ है और विकास में रोड़े पड़ने वाले पेड़ों को सुरक्षित भी रखा गया है उनके साथ साथ पक्षियों के आशियाने, लोगों का सुकून और पक्षियों का चहकना भी उन महानगरों में विकास के साथ-साथ फल फूल रहा होगा लेकिन सागर स्मार्ट सिटी मे प्रचार करवाया गया की विकास हो रहा है विकास भी जरूरी है साहब निगम क्षेत्र के कई हिस्से जहां अतिक्रमण पैर पसारे हुए है उन क्षेत्रों में अतिक्रमण नही हटाया जा रहा या हो सकता है कोई आपके बीच का ऐसा हो जो आपको उनकी जानकारी नही देता हो लेकिन आपके द्वारा छोटे मोटे दुकानदार, टपरे वालो के टपरे जब्त किए जा रहे है आपको जानकारी के लिए बता दूं लिंक रोड, बाहुबली कॉलोनी, वर्णी कॉलोनी, राहतगढ़ बस स्टैंड, बड़ा बाजार, विजय टॉकीज, न्यू आरटीओ समेत अन्य जगह में इतना अतिक्रमण है की खुद निगम के अधिकारियों को वहा तक पहुंचने में शायद कठिनाई हो रही हो तभी तो कभी अपने एसी लगी चार पहिया बग्गी से इन क्षेत्रों में निरीक्षण करने नही गए वैसे जानकारी के लिए एक और बात बता दूं इन क्षेत्रों में अगर चार पहिया बग्गी नही पहुंच पा रही हो तो आप दो पहिया टक टकी से भी जा सकते है जैसे विगत दिनों टक टकी पर बैठ कर स्वच्छता का छोटा सा निरीक्षण अपने किया था लेकिन कई जगह सागर शहर गंदा है साहब काना फूसी तो यह भी है शहर में कि कुछ चाय वालो को तो डिस्पोजल बंद करने की हिदायत भी साहब द्वारा दी गई अब वह मन ही मन एक दूसरे के कानो में गुन गुना रहे की साहब को पेपर में छपने का छपास रोग है वरना डिस्पोजल बनने वाली फैक्ट्री पर रोक लगा के दिखाए… हम तो गरीब लोग ठहरे आपने आदेश दिया इसलिए हम डिस्पोजल बंद कर देंगे और तो और साहब आपने तो थूकने पर आम आदमी का चालान कर दिया, लेकिन आम जन को मिल रही खराब सड़को पर आम आदमी किसका चालान काटे टायलेट की सुविधा न होने से आम आदमी किसका करे चालान स्मार्ट सिटी के तहत शहर में कई जगह स्मार्ट टायलेट बना दिए गए लेकिन चालू न हो सके अब उन स्मार्ट टायलेट में ताला लगा हुआ है और लोग उसी के बाजू में पेशाब करते देखे जाते हैं अरे अरे कही आप उनका चालान न कर देने बेचारे आखिर कहा जाएं सागर शहर का मुख्य बाजार कहे जाने वाले कटरा बाजार के चारों तरफ महिलाओं एवं पुरुषों के लिए टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है तीन बत्ती से लेकर राधा तिराहे तक और नमक मंडी से लेकर विजय टॉकीज तक आप निरीक्षण करवा लीजिए जहां पर अगर स्थाई रूप से निगम के द्वारा टॉयलेट की व्यवस्था की गई हो? अब ऐसे में अगर महिलाओं या पुरुषों को इमरजेंसी में जरूरत पड़े तो हम किसको दोष दें कटरा बाजार इतना बड़ा बाजार है कि बाजार है दुकान है अतिक्रमण है लेकिन इतने बड़े बाजार में आसपास कहीं भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है और हम बात करते हैं अतिक्रमण हटाने की कटरा बाजार से राधा तिराहे तक जाने वाले मार्ग पर कई वर्षों से समुदाय विशेष के उपद्रवी बच्चों के द्वारा रोड के किनारे ठेले लगाए जा रहे हैं और आए दिन किसी ने किसी आम आदमी से लड़ते और इकठ्ठा हो जाते हालाकि मामला इतना नही बड़ा की कोई शिकायत लेकर थाने पहुंचा हो लेकिन इनको हटाने का दुस्साहस ना तो ट्रैफिक विभाग कर पा रहा और ना ही नगर निगम आखिर खौफ है तो किस बात का साहब या यह कमियां किसी को नहीं दिखाई देती शहर के कनेरादेव में आवास योजना के लगभग 250 परिवार निवासरत है लेकिन जलापूर्ति न देके मानो नगर निगम ने उन्हें नर्क में भेज दिया हो कभी कभार 250 परिवारों के बीच छोटा सा टैंकर भेज कर गला गीला करने का विवश काम नगर निगम कर देती है लेकिन तब भी 250 परिवार उनको प्यासे गले से सिर्फ अपशब्द ही कह पाते है आखिर बेचारे करे क्या वैसे सोशल मिडिया पर निगम की योजनाओं और कार्यपद्धति से नाखुश आम आदमी निगम को नरक निगम नाम से संबोधित करने लगे हैं अब बात करते है स्मार्ट सिटी के द्वारा नगर के लोगो को दिए गए नए विकास की सागर में दो नवीन बस स्टैंड की सौगात शहर के लोगो को दे दी गई लेकिन सुविधाओं को लेकर लोग हालकान हैं दोनों ही नवीन बस स्टैंड पर यात्रियों के लिए खाने-पीने की उच्चतम व्यवस्था नहीं है अगर है भी तो बस स्टैंड परिसर के बाहर अतीत की गहराइयों में खो चुके पुराने बस स्टैंड पर खाने-पीने की व्यवस्थाओं के साथ-साथ ठहरने के लिए भवन और यात्रियों के लिए रेनबसेरा हुआ करते थे अब मानो सब दफन हो गए हो आरटीओ ऑफिस के पास वाला नवीन बस स्टैंड के आस पास मैन रोड पर रोड लाइट की सुविधा नहीं है लेकिन सुविधा असामजिक तत्वों को मिल रही होगी सुनने में आया था कि, कुछ दिन पूर्व अज्ञात उपद्रवी ने चाकू लहराए थे गनीमत रही किसी को मारे नही और अगर मारे भी हो तो किसी को क्या बस स्टैंड तो शुरू हो गया जिसको अपनी सुरक्षा करनी है स्वयं करो लेकिन बस स्टैंड तो हम चालू कर दिया भईया शहर में आए दिन जल आपूर्ती ठप हो जाती है और नगर निगम के साहब राजघाट घूमने जाते है और फिर बिजली विभाग पर ठीकरा फोड़ देते है खेर निरीक्षण के बहाने एसी गाड़ी में बैठ राजघाट की सैर भी हो जाती है बहाने शब्द का तात्पर्य इसलिए क्योंकि निरीक्षण का परिणाम सामने दिखता ही नही

✍️✍️✍️ अभिषेक रजक, युवा पत्रकार सागर
rajakabhishek95@gmail.com
9399179372

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